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    इश्क़ लाहौर से, गद्दारी दिल्ली में !! देखिए ज्योति मल्होत्रा की कहानी


    हर मुस्कुराता चेहरा मासूम नहीं होता. कुछ चेहरे इतने खूबसूरत होते हैं कि उन पर यकीन करना आसान होता है, लेकिन उनके पीछे छुपे इरादे उतने ही जहरीले होते हैं. हरियाणा की फेमस ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा का चेहरा भी कुछ ऐसा ही था — एक मुस्कुराती हुई, आकर्षक युवती जो सोशल मीडिया पर ‘Travel With Jo’ नाम से लाखों लोगों का दिल जीत रही थी. लेकिन इस चमकती स्क्रीन के पीछे चल रही थी एक ऐसी खतरनाक कहानी, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए. ज्योति के वीडियोज़ पाकिस्तान की गलियों, उनके खाने और तहज़ीब की तारीफों से भरे हुए थे. वह बार-बार पाकिस्तान को एक ‘प्यारा पड़ोसी’ दिखाने की कोशिश कर रही थी. लेकिन असल में वह ISI की एक साजिश का हिस्सा थी, जो भारत के युवाओं के दिमाग में पाकिस्तान के लिए मीठा ज़हर घोल रही थी.

    साल 2023 में ज्योति पाकिस्तान गई. ये कोई आम ट्रिप नहीं थी, बल्कि एक रची हुई साजिश का पहला कदम था. पाकिस्तान उच्चायोग ने उसके वीजा से लेकर रहने-खाने तक की सारी व्यवस्था की. यहीं उसकी मुलाकात हुई पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी अहसान उर रहीम उर्फ दानिश से. दानिश ने उसे अपने झूठे मोहब्बत के जाल में फंसाया.  यह कोई इश्क नहीं था, यह था Love Jihad का सुनियोजित जाल — जिसमें फंसकर ज्योति पूरी तरह ISI के एजेंडे की गिरफ्त में आ गई. उसे पैसे दिए गए, महंगे तोहफे मिले, विदेश यात्राएं करवाई गईं — और इन सबके बदले में उसे करना था भारत के खिलाफ काम. ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम, स्नैपचैट जैसे ऐप्स के जरिए भारत की सैन्य जानकारियां पाकिस्तान भेजीं. उसके वीडियो व्लॉग्स महज़ घूमने की डायरी नहीं थे, बल्कि ISI का प्रचार हथियार थे, जिनके जरिए वह भारत की अखंडता पर हमला कर रही थी.

    वो इंस्टाग्राम पर भारत की बेटी बनकर मुस्कुराती थी, लेकिन अंदर ही अंदर देश को बेचने की साजिश रच रही थी. उसकी हालिया बाली ट्रिप भी इसी साजिश का हिस्सा थी. वो जहां-जहां जाती, वहां पाकिस्तान से जुड़े एजेंट्स से मिलती. यह सब किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसा नहीं, बल्कि कड़वा सच है. आखिरकार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया और उसने लिखित में स्वीकार किया कि उसने दानिश के कहने पर भारत की संवेदनशील जानकारियां ISI को पहुंचाईं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसी कितनी ज्योतियाँ हमारे बीच हैं जो मुस्कुराते हुए कैमरे के सामने देशद्रोह की पटकथा लिख रही हैं? क्या हर वो चेहरा जो पाकिस्तान की तारीफ करता है, वाकई मासूम है?

    इस कहानी ने यह साबित कर दिया कि देश को सिर्फ बंदूक से नहीं, बल्कि एक फोन कैमरे, मोहब्बत की झूठी कहानी और सोशल मीडिया की चकाचौंध से भी तोड़ा जा सकता है. ज्योति जैसी गद्दारें भारत के लिए अभिशाप हैं, और हमें अब और सतर्क होने की ज़रूरत है. क्योंकि अगली ‘ज्योति’ शायद आपके शहर, आपकी स्क्रीन या आपके सोशल मीडिया में छिपी हो सकती है.

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