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    बिहार सरकार का बड़ा फैसला: अब गया नहीं, 'गया जी' कहलाएगा शहर

    बिहार सरकार का बड़ा फैसला: अब ‘गया’ नहीं, ‘गया जी’ कहलाएगा शहर, धार्मिक महत्त्व को देखते हुए नाम में बदलाव
    बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बड़ा कदम उठाते हुए गया शहर का नाम बदलने का फैसला लिया है. अब इस शहर को ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा. यह निर्णय 16 मई 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया.

    राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, गया का नाम बदलने के पीछे इसका पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व प्रमुख कारण है. यह शहर हिंदू धर्म के लिहाज से विशेष स्थान रखता है, जहां पितृपक्ष के दौरान पिंडदान की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है. इस बदलाव को आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से भी जोड़ा जा रहा है, जहां धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान अहम मुद्दा बन सकती है.


    वहीं इसके अलावा और भी बड़े फैसले लिए गए है. बताया जा रहा है कि, भारत-पाक तनाव में शहीद हुए बिहार के जवानों के परिवारों को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. और पूरे बिहार में 1069 नए पंचायत भवनों के निर्माण को मंजूरी दी गई है. राज्य के ग्राम्य ढांचे और स्थानीय प्रशासन को सुदृढ़ करने की दिशा में यह एक अहम पहल मानी जा रही है.

    इतना ही नहीं राजनीतिक हलचल भी तेज़ हो गई है.. 
    जहां एक ओर बिहार सरकार लगातार अहम फैसले ले रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं. महागठबंधन की ओर से भी चुनावी रणनीतियों पर काम शुरू हो चुका है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार का दौरा किया और आरक्षण, जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों को उठाकर माहौल बनाने की कोशिश की.


    बिहार की राजनीति में जहां सरकार विकास और संस्कृति के नाम पर फैसले ले रही है, वहीं विपक्ष भी सामाजिक और संवैधानिक मुद्दों को उठाकर अपनी जगह बनाने की कोशिश में जुटा है. गया का नाम बदलना सिर्फ प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि चुनावी संदेश भी बनता दिख रहा है.

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