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    पाकिस्तान से युद्ध के बीच फिल्मों पर कैसा रहता है असर

    22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए 7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की बौछार शुरू हो गई।

    भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के हर हमले को मुंहतोड़ जवाब दिया। 10 मई 2025 को दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई, लेकिन उसी शाम पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर फिर से हमला कर दिया।

    इस बीच बॉक्स ऑफिस पर भी हलचल मच गई। राजकुमार राव की फिल्म 'भूल चूक माफ' की थिएट्रिकल रिलीज रोक दी गई, और आमिर खान की 'सितारे ज़मीन पर' की रिलीज डेट आगे खिसका दी गई। सीमा से सटे शहरों में देर रात के शोज बंद कर दिए गए, जिससे अफवाहें फैलने लगीं कि सिनेमाहॉल पूरी तरह बंद किए जा सकते हैं।

    हालांकि, इन सबके बीच अजय देवगन की 'रेड 2' बॉक्स ऑफिस पर मजबूती से टिकी रही। फिल्म की रिलीज ऑपरेशन सिंदूर से पहले हुई थी, लेकिन उसके बाद फिल्म की कमाई में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली। अब तक ये फिल्म वर्ल्डवाइड करीब 150 करोड़ रुपये कमा चुकी है। 

    अब सवाल उठता है – क्या पहले हुए भारत-पाक युद्धों के दौरान भी फिल्मों पर असर पड़ा था?

    1965 युद्ध (अगस्त-सितंबर) के दौरान 'वक्त' और 'खानदान' जैसी फिल्में रिलीज हुईं, जो बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं।

    1971 युद्ध (दिसंबर) में 'हरे रामा हरे कृष्णा' आई और बड़ी हिट साबित हुई।

    कारगिल युद्ध (मई-जुलाई 1999) के दौरान 'बीवी नंबर 1', 'होगी प्यार की जीत', 'हम दिल दे चुके सनम' जैसी फिल्में आईं, और दर्शकों ने इन्हें खूब पसंद किया।

    यह साफ है कि भारत-पाक के बीच युद्ध या तनाव का माहौल बॉलीवुड फिल्मों की सफलता को रोक नहीं पाया है। दर्शकों का प्यार फिल्मों को मिलता रहा है – चाहे देश युद्ध के मोर्चे पर हो या शांति की राह पर

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