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    OPERATION SINDOOR से कांपा पाकिस्तान, भारत की एयरस्ट्राइक से पाक के 9 ठिकाने ध्वस्त

    22 अप्रैल 2025 — एक ऐसा दिन जो भारत के इतिहास में जख्म बनकर दर्ज हो गया. पहलगाम की वादियों में गूंजती गोलियों की आवाज़ ने जन्नत को जहन्नुम बना दिया. हथियारबंद आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों को महज उनके धर्म की पहचान पूछकर मौत के घाट उतार दिया. ये हमला सिर्फ मानवता पर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के एक सबसे पवित्र प्रतीक — "सिंदूर" पर हमला था. भारतीय परंपरा में सिंदूर सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि एक भावना है. ये विवाह का प्रतीक है, स्त्री के सौभाग्य और समर्पण की पहचान है. लेकिन उन आतंकियों ने न सिर्फ जिंदगियां छीनीं, बल्कि कई बहनों और बेटियों के माथे से सिंदूर भी छीन लिया — कुछ ऐसी भी थीं जिनके हाथों की मेंहदी तक अभी सूखी नहीं थी.

    इस अमानवीय कृत्य का जवाब सिर्फ गोलियों से नहीं, बल्कि एक संदेश के साथ देना था — एक ऐसा संदेश जो आतंक के समर्थकों को उनके घर में सुनाई दे. और यही जन्म देता है ऑपरेशन सिंदूर को. 6 और 7 मई की दरम्यानी रात, 1:30 बजे — भारतीय सेना ने एक सुनियोजित रणनीति के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों पर अचूक और घातक AIR स्ट्राइक की।  "ऑपरेशन सिंदूर" एक सैन्य अभियान से बढ़कर था — यह उस हर आँख में आंसू का जवाब था, जिसने पहलगाम में अपनों को खोया. 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारतीय सेना के अदम्य साहस ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। जो सिंदूर मिटाने की साज़िश करेगा, उसका नामों-निशान मिटा दिया जाएगा। यह ऑपरेशन आतंकवादियों के लिए एक चेतावनी है और देशवासियों के लिए एक विश्वास — कि भारत अब सिर्फ सहने वाला नहीं, बल्कि साफ-साफ जवाब देने वाला देश है।

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