73 वर्षीय हैवान ने 12 साल की मासूम से की हैवानियत, नैनीताल में मचा कोहराम
"उत्तराखंड की खूबसूरत पर्यटन नगरी नैनीताल इन दिनों गुस्से और ग़म के साए में है। एक मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। एक विशेष समुदाय के व्यक्ति पर 12 साल की नाबालिग से रेप का आरोप है — और अब पूरा नैनीताल आक्रोश की आग में जल रहा है।"
नैनीताल के मल्लीताल इलाके में रहने वाले एक वृद्ध व्यक्ति — उस्मान — पर आरोप है कि उसने 12 साल की एक नाबालिग बच्ची के साथ पिछले तीन महीनों से लगातार दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने डरते-डरते अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी उस्मान को गिरफ़्तार कर लिया। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है और मामले की जांच आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत की जा रही है।
लेकिन जैसे ही यह खबर शहर में फैली, माहौल तनावपूर्ण हो गया। कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। नाराज़ भीड़ ने एक मस्जिद पर पथराव किया और विशेष समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़ की। कुछ स्थानों पर मारपीट की घटनाएं भी हुईं।
अफरा-तफरी के माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। कोतवाली पर भी भीड़ जमा हो गई और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की तक हो गई। लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और तत्काल कार्रवाई की मांग की..
एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि बच्ची ने 3 महीने तक चले यौन शोषण की जानकारी दी थी, जिसके बाद आरोपी पर केस दर्ज कर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी..
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इस केस को लेकर एक्शन मोड में है. आरोपी उस्मान के अवैध निर्माण पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। नैनीताल नगर पालिका ने आरोपी के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है, हालांकि हाईकोर्ट ने घर तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है... हाईकोर्ट ने आरोपी के घर तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है, जिससे प्रशासन को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है
इस घटना ने केवल एक मासूम की ज़िंदगी को झकझोरा नहीं, बल्कि पूरे समाज की आत्मा को भी हिला दिया है। सवाल ये नहीं कि आरोपी किस समुदाय से है, सवाल ये है कि क्या अब भी हम बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं? और क्या समाज में ऐसी मानसिकता को समय रहते कुचलने के लिए हम तैयार हैं?
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